अश्रुतपूर्वा II
नई दिल्ली, 20 अक्तूबर। दीपावली पर देश के शीर्ष न्यायालय ने एक बड़ा संदेश दिया है। यह संदेश भारत की संस्कृति और परंपरा को और समृद्ध करेगा। दरअसल, दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में पटाखों पर लगी पाबंदी को हटाने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने जल्द सुनवाई से फिर इनकार त्कर दिया है। वहीं, पटाखे बेचने वालों को अपने पैसे मिठाई पर खर्च करने की नसीहत दी है। इसके साथ ही एक स्पष्ट देते हुए उनसे यह भी कह दिया कि लोगों को साफ हवा में सांस लेने दीजिए।
यह नसीहत और संदेश पूरे देश के लिए है। उन सभी लोगों के लिए भी जो दीपावली पर पटाखे फोड़ कर आसपास के वातावरण को दमघोंटू बना देते हैं। इससे बच्चों-बुजुगों और बीमार लोगों का जीना मुश्किल हो जाता है। बता दें कि इससे पहले शीर्ष अदालत में मामला विचाराधीन होने के कारण दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के सभी प्रकार के पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर पूरी तरह पाबंदी लगाने संबंधी फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर विचार करने से मना कर दिया था। अब शीर्ष न्यायालय के इनकार का मतलब है कि दिल्ली और आसपास दिवाली सहित सभी पर्व पर अगले आदेश तक पटाखों पर पाबंदी रहेगी। बता दें राजधानी के कई लाइसेंसधारी व्यापारियों ने हरित पटाखों को बेचने की अनुमति देने का अनुरोध किया था।
दरअसल, देश की राजधानी में सभी प्रकार के पटाखों को जमा करने और बेचने पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली याचिका का विरोध करते हुए राज्य सरकार ने दलील दी थी कि एनजीटी के फैसले को ध्यान में रखते हुए पटाखे नहीं बेचे जा सकते। यहां तक कि पटाखों के स्टाक को भी शहर से बाहर नहीं ले जाया जा सकता। सरकार ने कहा था कि राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण ने हरित पटाखों के इस्तेमाल पर भी रोक लगा दी है। जबकि याचिकाकर्ताओं ने कहा था कि डीपीसीसी का 14 सितंबर को लगाया प्रतिबंध मनमाना है। इससे उनकी आजीविका पर प्रतिकूल असर पड़ता है।
दूसरी तरफ याचिका में कहा गया था कि जीवन के अधिकार के बहाने धर्म की स्वतंत्रता को नहीं छीना जा सकता है। दिल्ली में 2020 से आतिशबाजी पर रोक है। इसके अलावा हरियाणा ने पिछले साल ही अपने 14 जिलों में पटाखों की बिक्री और इसके इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी। हालांकि पाबंदियों के बावजूद दिल्ली, नोएडा, फरीदाबाद और गुरुग्राम में लोगों ने देर रात तक पटाखे फोड़े थे। उम्मीद है इस बार दिल्ली और आसपास के इलाकों में शीर्ष अदालत के कड़े संदेश के बाद जागरूकता आएगी। इसका संदेश पूरे देश में जाएगा। बड़े हिस्से में आसमान साफ रहेगा।