विनीत मोहन ‘औदिच्य’ II विधा – गीतिका पदांत – “हिंदी”समांत...
ग़ज़ल/गीत
हिंदी के सम्मान में नुक्कड़-नाटक गीत
नरेश शांडिल्य II [नुक्कड़-नाटक ‘भारत बनाम इंडिया’ के लिए लिखे नरेश शांडिल्य के इस गीत...
तभी उचित सम्मान मिलेगा
ताराचंद शर्मा II मिलकर साथ अगर शामिल हों सारे इस अभियान मेंतभी उचित सम्मान मिले हिंदी को हिंदुस्तान...
बोलो किसकी जीत मैं लिख दूं, बोलो किसकी मात लिखूं
मनस्वी अपर्णा II आज मिला है मौका तो फिर लाजिÞम है जज्बात लिखूंबोलो तो झूठा सच लिख दूं या फिर अपनी...
लुटा के बैठे तो तेरी बिसात को समझे
मनस्वी अर्पणा II १२१२ ११२२ १२१२ ११२/२२खुदाई समझे, खुदा तेरी जात को समझेहुआ जब इश्क तो हम कायनात को...
जज्बात मेरे मौसम के रंग में ढलते हैं
मनस्वी अपर्णा II २२१ १२२२ २२१ १२२२इक आंच में उल्फत की दो जिस्म पिघलते हैंहम...
दिल में प्यार रखता हूँ
शिवम द्विवेदी ‘सहर’ II कलम कहते हैं जिसको मैं भी वो तलवार रखता हूँमैं ज़ालिम...
जाने ये कैसा जमाने का असर लगता है
विनीत मोहन_फ़िक्र सागरी II जाने ये कैसा जमाने का असर लगता हैआज इंसान को इंसान से डर लगता है। मेरी...
लौट आयी जाँ
विनीत मोहन ‘फ़िक्र’ सागरी II लौट आयी जाँ मेरी, तेरी ख़बर आने के बाद,मुस्कुरायी है फ़िज़ां...
ये इक दीवार सी जो है गिरा दो आज होली है
मनस्वी अपर्णा II तुम्हारे रंग में तन-मन भिगा दो आज होली हैमुहब्बत की रिवायत है निभा दो आज होली है...
मौला तेरी तलाश की आफ़त नहीं हमें
नरेश शांडिल्य II 1 ll वाइज़ तेरे बिहिश्त की चाहत नहीं हमेंमौला तेरी तलाश की आफ़त नहीं...
… जैसे मिल जाए दवा वक्त पे मरते मरते
मनस्वी अपर्णा II नब्ज़े बीमार पे बस हाथ ही धरते धरतेतू खुदा हो गया है हां! शिफा करते करते//१//...
