अश्रुतपूर्वा II
बच्चों, आपने मधुमक्खी के बारे में सुना होगा और देखा भी होगा। नानी-दादी की सुनाई कहानियों में भी मधुमक्खी का जिक्र आया होगा। राजा-रानी और परियों की कहानियां भी आपने सुनी होंगी। लेकिन मधुमक्खी की कहानी थोड़ी अलग है। यह अद्भुत है। इसकी श्रमशक्ति का क्या कहना। ये सचमुच बेजोड़ हैं और चतुर भी।
मधुमक्खियां एक परिवार की तरह रहती हैं, जैसे आप रहते हैं। उसके घर में हर सदस्य के काम बंटे हुए होते हैं। एक छत्ते में 20 हजार से 60 हजार मधुमक्खियां एक साथ रहती हैं। परिवार की मुखिया होती है- रानी मक्खी। रानी मधु मक्खी एक दिन में कम से कम 1500 सौ अंडे देती हैं। जिनका जीवन करीब दो साल रहता है। मधुमक्खी के छत्ते में सबसे आलसी होते हैं ड्रोन्स। इनका सिर्फ एक ही काम रहता है, रानी मधुमक्खी का साथी बन कर रहना।
पराग ढूंढ कर उसे छत्ते में जमा करने के अलावा ये ‘वर्कर’ किसी तरह के पानी को अपने पंखों की तेज गति से वाष्पित कर सकते हैं। कई बार रात में ओस की बूंदें फूलों पर जमा हो जाती है। इन्हें वह आसानी से हटा सकती है। जब पानी की मात्रा 18 फीसद से कम हो जाती है तो इस मिश्रण को शहद कहा जाता है। मधुमक्खी का छत्ता फिर से रस से भर जाता है। इनकी रक्षा के लिए कई ‘वर्कर सैनिक’ तैयार रहते हैं।
ड्रोन्स की जिंदगी लगभग 24 दिन की होती है। इनके डंक नहीं होते। और ये कोई काम भी नहीं करते। सारा काम छत्ते में रहने वाले ‘वर्कर’ करते हैं। ये ‘वर्कर’ ही दूर उड़ कर परागकण और रस इकट्ठा करते रहते हैं। ‘वर्कर’ मधुमक्खी भोजन की तलाश में 14 किलोमीटर तक उड़ सकती हैं। उनकी गति एक घंटे में 24 किलोमीटर होती है। एक बार जब ‘वर्कर’ को पुष्प दिख जाता है तो वह खुश होकर नृत्य करना शुरू कर देती है। मधुमक्खियों का गति अनुकूलन और उनका कंपन करना फूल की दिशा और दूरी बताने का तरीका होता है। मगर यह कठिन गतिविधि उन्हें काफी नुकसान पहुंचाती है। और इस प्रक्रिया में कई ‘वर्कर’ की 40 दिन के अंदर मौत तक हो जाती है।
पराग ढूंढ कर उसे छत्ते में जमा करने के अलावा ये ‘वर्कर’ किसी तरह के पानी को अपने पंखों की तेज गति से वाष्पित कर सकते हैं। कई बार रात में ओस की बूंदें फूलों पर जमा हो जाती है। इन्हें वह आसानी से हटा सकती है। जब पानी की मात्रा 18 फीसद से कम हो जाती है तो इस मिश्रण को शहद कहा जाता है। मधुमक्खी का छत्ता फिर से रस से भर जाता है। इनकी रक्षा के लिए कई ‘वर्कर सैनिक’ तैयार रहते हैं।
इन सब कामों के अलावा अगर सिर्फ मधुमक्खी के बारे में जानें तो यकीनन ये बहुत चतुर होती हैं। उन्हें इस बात की जानकारी होती है कि कौन सी चीज एक जैसी है और कौन सी अलग। उन्हें यह भी पता होता है कि वे किस रास्ते से अपने भोजन तक दोबारा आ-जा सकती हैं। वैज्ञानिकों ने मधुमक्खियों पर काफी अध्ययन किया है। और उनका एक ही निष्कर्ष था कि ये काफी चालाक होती हैं।