जब घोर उदासी छा जायें ,
सारे सपनें मुरझा जायें ,
अंतर्मन घायल हो जायें ,
जब होश हमारा खो जायें ,
मन व्याकुल हो घबराता है,
जीवन बस चलता जाता है,
जब अश्रु नयन से बहतें हैं ,
हम तन्हा सब दुःख सहतें हैं ,
सबके सुनकर ताने – वाने,
हम केवल चुप ही रहतें हैं ,
इस माटी में आने वाला,
इक दिन माटी हो जाता है,
जीवन बस चलता जाता है,
जब बुरा दौर आ जाता है,
अपने गायब हो जातें हैं ,
फ़िर दूजे आकर हाथ थाम,
नौका को पार लगातें हैं ,
सुख़,दुःख दोनों है आकस्मिक,
इक आता है इक जाता है,
जीवन बस चलता जाता है,
जब बुरे वक्त का साया हो,
जब अपना हुआ पराया हो,
दम तोड़ रहा जब जीवन हो,
सांसों की ना कीमत कम हो,
जब अश्रु नयन से ओझल हो,
आंसू में ना कोई जल हो,
तब हर मुश्किल का हल आकर,
ईश्वर स्वयमेव बताता है,
जीवन बस चलता जाता है,
चाहे जितनी मुश्किल आये,
तुमको बस चलते जाना है,
कर ईश्वर पर विश्वास सदा,
मानव का धर्म निभाना है,
थक हार बैठ रुक जाने से,
जीवन सारा रुक जाता है,
जीवन बस चलता जाता है,
शिवांकित तिवारी “शिवा”
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