अश्रुतपूर्वा II
नई दिल्ली। भारतीय मूल की हंगरी की चित्रकार अमृता शेरगिल एक बार फिर चर्चा में हैं। अमृता के जीवन और उनके कार्य पर आधारित कई कार्यक्रमों की शृंखला दिल्ली में आठ फरवरी से शुरू हो रही है। मशहूर चित्रकार की 110वीं जयंती पर उनकी स्मृति में फिल्म महोत्सव होगा। छात्रों के साथ संवाद होगा। कला प्रदर्शनियां लगेंगी। कार्यशालाएं भी लगेंगी। यानी एक के बाद एक कई कार्यक्रम होंगे।
राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय (एनजीएमए) और हंगरी के कला केंद्र से जुड़े संस्थान ‘लिज्ट’ ने पिछले दिनों दिल्ली में ‘अमृता 110 प्रोजेक्ट’ शुरू करते हुए यह जानकारी दी। संस्थान ने एक बयान में कहा कि हमारा लक्ष्य अमृता शेरगिल की हंगरी से जुड़ी जड़ों के बारे में लोगों को और अधिक जानकारी देना है। इसके साथ ही उनके जीवन और उनके कार्य पर हंगरी में गुजरे उनके बचपन के प्रभाव और हंगरी तथा भारत के बीच सबसे मजबूत कड़ी के अल्पावधि लेकिन बेहद समृद्ध और रचनात्मक जीवन का उत्सव मनाना है।
बता दें कि हंगरी के बुडापेस्ट में 30 जनवरी, 1913 को जन्मी अमृता शेरगिल को उनकी शानदार कलाकृतियों के लिए दुनिया भर में पहचाना जाता है। शेरगिल के पिता भारतीय थे। मां हंगरी की नागरिक थीं। शेरगिल की स्मृति में साल भर चलने वाले कार्यक्रम आठ फरवरी से इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में शुरू होंगे। उनसे प्रेरित 20 कृतियों की कला प्रदर्शनी लगेंगी। दिल्ली के कला प्रेमियों के लिए अमृता शेरगिल को एक बार और जानने का यह सुनहरा अवसर होगा।
बुडापेस्ट में 30 जनवरी, 1913 को जन्मी अमृता शेरगिल को उनकी शानदार कलाकृतियों के लिए दुनिया भर में पहचाना जाता है। शेरगिल के पिता भारतीय थे। मां हंगरी की नागरिक थीं। शेरगिल की स्मृति में साल भर चलने वाले कार्यक्रम आठ फरवरी से इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में शुरू होंगे।