अश्रुत तत्क्षण

झीलों की नगरी में अश्रुतपूर्वा का काव्याटन

सांस्कृतिक संवाददाता II

नई दिल्ली/भोपाल। साहित्यिक वेब पोर्टल अश्रुतपूर्वा डॉट कॉम ने बतर्ज देशाटन, एक काव्याटन शृंखला की पहल की है। एक समय में देशाटन का उद्देश्य देश-विदेश घूमना और कुछ अर्जित करना होता था। मगर अश्रुत पूर्वा का उद्देश्य समकालीन काव्य की धारा को भारत के हर शहर में ले जाना है, विशेष रूप से उस स्थान पर जहां साहित्य प्रेमी हों और जहां सृजनशील रचनाकार हों।
अश्रुतपूर्वा की इस पहल में प्रयास है कि नए और पुराने कवियों के बीच सेतु बन कर वह कार्य करे। इसी के साथ अपने अतीत और वर्तमान के साथ भविष्य को भी सहेज ले। इसी कड़ी में साहित्य और संस्कृति को समर्पित एक आयोजन कबीर और प्रेमचंद की नगरी काशी में किया गया था। इसके बाद काव्याटन का सिलसिला मध्य प्रदेश के रीवा जिले में रखा गया था। इसमें बड़ी संख्या में काव्य प्रेमियों ने हिस्सा लिया।
अश्रुतपूर्वा का तीसरा काव्याटन सोमवार, 12 दिसंबर को झीलों की नगरी भोपाल में आयोजित किया जा रहा है। इसमें प्रखर कवि मुदित श्रीवास्तव और पल्लवी त्रिवेदी अपनी कविताएं पढ़ेंगे वहीं भारत भवन के वरिष्ठ अधिकारी और चर्चित कवि प्रेम शंकर शुक्ल तथा राजीव सक्सेना भी इस काव्य पाठ का हिस्सा बनेंगे। इनके आलवा नीलेश रंघुवंशी, संगीता गुंदेचा और लिली मित्रा भी काव्य पाठ करेंगी।
अश्रुतपूर्वा की संस्थापक डॉ. सांत्वना श्रीकांत के मुताबिक कार्यक्रम भोपाल स्थित केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित होगा। इस आयोजन में मुख्य अतिथि निदेशक रमाकांत पांडेय होंगे। यह कार्यक्रम शाम छह बजे शुरू होगा।

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