अश्रुत पूर्वा II
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि वे अब भी भंवर में फंसे हुए हैं। पूर्व प्रदेश पुलिस महानिदेशक अनिल रतूड़ी की पहली पुस्तक ‘भंवर : एक प्रेम कहानी’ का विमोचन करते हुए धामी ने कहा, भंवर हम सबके जीवन में आता है। मैं कुछ दिन पहले भंवर में फंसा था और अब भी भंवर में ही फंसा हुआ हूं। धामी के यह कहते ही पूरा सभागार ठहाकों से गूंज उठा।
चंपावत में 31 मई को होने वाले विधानसभा उपचुनाव से पहले इस कार्यक्रम में धामी का अपने दिल की बात कहना मायने रखता है। वैसे उन्होंने चंपावत उपचुनाव का जिक्र नहीं किया, जहां से उन्हें विधायक चुना जाना है। फरवरी में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को जीत की दहलीज तक पहुंचाने वाले धामी खुद खटीमा सीट से हार गए थे। संवैधानिक बाध्यता के कारण धामी को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के छह माह के भीतर विधानसभा का सदस्य निर्वाचित होना है।
- पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि एक वर्दीधारी अफसर जब प्रेमकथा लिखता है तो उसके हृदय में किस प्रकार की भावनाएं होंगी, यह अनिल रतूड़ी की किताब में दिखता है। इस संबंध में मुख्यमंत्री ने प्रदेश के अपर मुख्य सचिव पद पर तैनात उनकी पत्नी राधा रतूड़ी का भी जिक्र किया।
पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में धामी ने कहा कि एक वर्दीधारी अफसर जब प्रेमकथा लिखता है तो उसके हृदय में कैसी भावनाएं होंगी, यह अनिल रतूड़ी के उपन्यास में दिखता है। इस संबंध में मुख्यमंत्री ने प्रदेश के अपर मुख्य सचिव पद पर तैनात उनकी पत्नी राधा रतूड़ी का भी जिक्र किया और कहा, जहां राधा होंगी, वहां प्रेम तो होगा ही।
साहित्य में अपनी दिलचस्पी का जिक्र करते हुए धामी ने कहा कि वे समझ सकते हैं कि काम और दायित्व के दबाव के बीच अपनी साहित्यिक अनुभूतियों और खुद को बचा कर रखना कितना कठिन है।
अनिल रतूड़ी का यह उपन्यास 350 पेज का है। इसे विनसर प्रकाशन ने छापा है।
(यह प्रस्तुति एजंसियों की खबरों पर आधारित है)
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