स्वास्थ्य

ये जुकाम क्या सुपर कोल्ड है…?

फोटो : साभार गूगल

अश्रुत पूर्वा II

नई दिल्ली। भारत में कड़ाके की सर्दी के साथ लोगों में जुकाम होने की शिकायतें बढ़ रही हैं। करीब दो साल मास्क पहनने और सामाजिक दूरी का पालन करने तथा हाथों को साफ रखने पर भी जुकाम हो जा रहा है। मगर यह अब बदले हुए रूप में वापस आया है। कुछ लोग इसे ‘सुपर कोल्ड’ बता रहे हैं। कुछ का कहना है कि यह अब तक का सबसे खराब जुकाम’ है। इन दिनों चार दिन का जुकाम आठ-दस दिन तक बना रहता है। अगर इसके साथ ही खांसी हो गई तो यह आसानी से जाती नहीं। चाहे कितना सीरप पी लीजिए। या फिर दवा ले लीजिए। बस आपकी अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता ही बचाए रखती है। जाहिर है इसे अब आगे भी मजबूत रखना है।

जुकाम कम से कम दिन में ठीक हो जाए, इसकी कई तरह की जुगत हम सभी करते हैं। अगर इससे भी बात न बने तो जरा सूरज दादा को देखिए। जरा उनसे ही मिल लीजिए। वे तो आप को स्वस्थ रखने के लिए सदैव हाजिर रहते हैं। सुबह से शाम तक। दरअसल उनकी झोली में विटामिन डी का खजाना है। वे लुटाते हैं और हम अनदेखी करते जाते हैं। हम लोग ठंड के दिनों में जुकाम का अधिक शिकार हो जाते हैं क्योंकि हम एक साथ अधिक समय तक बंद जगह पर रहते हैं। सर्दियों में अधिक जुकाम होता है जब विटामिन डी का स्तर सबसे कम होता है जबकि गर्मियों में जुकाम कम होता है तब विटामिन डी का स्तर सबसे अधिक होता है।

यह सूरज दादा का कमाल है कि हमें अधिकतर विटामिन डी उन्हीं की किरणों से मिलता है। जबकि इसकी थोड़ी सी मात्रा हमें भोजन से मिलती है। जो लोग अधिकतर समय बंद स्थान पर रहते हैं या उनकी त्वचा ढकी रहती है, उनमें विटामिन डी कम होने का अंदेशा रहता है। शोध से पता चलता है कि विटामिन डी जुकाम की चपेट में आने के खतरे और अन्य श्वास संबंधी संक्रमणों को प्रभावित करता है। 

जुकाम कम से कम दिन में ठीक हो जाए, इसकी कई तरह की जुगत हम सभी करते हैं। अगर इससे भी बात न बने तो जरा सूरज दादा को देखिए। वे तो आप को स्वस्थ रखने के लिए सदैव हाजिर रहते हैं, सुबह से शाम तक। दरअसल, उनकी झोली में विटामिन डी का खजाना है। वे लुटाते हैं और हम अनदेखी करते हैं। हम लोग ठंड के दिनों में जुकाम का अधिक शिकार हो सकते हैं क्योंकि हम एक साथ और अधिक समय तक बंद जगह पर रहते हैं।

फोटो : साभार गूगल

जिन लोगों में विटामिन डी का स्तर कम होता है उनके जुकाम होने की आशंका अधिक होती है और जो लोग विटामिन डी को पूरक के तौर पर लेते हैं उनके जुकाम होने की कम आशंका होती है। जुकाम होने के खतरे को कम करने को लेकर नए शोध बताते हैं कि विटामिन डी पूरक आहार के तौर पर लेने पर जुकाम की गंभीरता और अवधि घट जाती है।

वैसे विटामिन डी का पूरक जुकाम होने की आशंका को कम नहीं करता। लेकिन यह जुकाम रहने की अवधि को 36 प्रतिशत तक कम कर देता है। इसके साथ ही यह जुकाम के गंभीर लक्षणों में भी 15 प्रतिशत की कमी लाता है। ब्रिटेन में अक्टूबर और मार्च के बीच सूर्य की रोशनी विटामिन डी के लिए पर्याप्त नहीं है। इसलिए वहां के लोगों को अकसर सलाह दी जाती है कि इस अवधि में रोजाना 10 माइक्रोग्राम विटामिन डी पूरक आहार के तौर पर लें। यह भी ध्यान रखें कि गर्मियों में पर्याप्त विटामिन डी मिले। नियमित अंतराल पर सूर्य की रोशनी मिले।

भारत के ठंडे इलाकों में लोगों को सूर्य की किरणों के संपर्क में रहना चाहिए। कुछ देर धूप में बैठना यों भी अच्छा माना गया है। फायदे और भी हैं। धूप में रहने से हड्डियां मजबूत होती हैं। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। नींद आने की समस्या दूर होती है। कैसर से लड़ने वाले तत्त्व भी हमें धूप में बैठने से मिल जाते हैं। फिर जुकाम क्या चीज हैं। (इनपुट एजंसी)

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