संजय स्वतंत्र II हे गणपतिअगर कुछ देना तोइतनी शक्ति देनाजिससे दूर कर सकेंं हमदूसरों के जीवन कीसभी...
कविताएं
तेलुगु लेखिका नागमणि मालिरेड्डी की अंग्रेजी कविता
Nagmani Malireddy II A bird in a cageNever I like the ideaOf keeping a bird in a cageFor me...
मम्मा समझा करो…
अमनदीप गुजराल ‘विम्मी’ II खुद से हारी होती है जबचली आती है खिसियाई सीआते ही झगड़ पड़ती है बिना...
1. श्रावण की शुष्कता (सॉनेट )
विनीत मोहन ‘औदिच्य’ II नैराश्य की हाला अंतस में जब प्राणों तक भर जाती हैश्रावण की...
प्रेम का लैम्प पोस्ट
संजय स्वतंत्र II सागर की उफनती लहरों कोछूकर मैंने उस दिनरच दिया था तुम्हारे ललाट परएक जल-बिंदु...
स्त्री के जीवन में आई स्त्रियाँ
प्रिया वर्मा II एक कहती बड़ा गीला मन है तुम्हाराएक कहती अपने लिए वक़्त निकालोएक कहती कहीं भाग क्यों...
एक दिन मैं खुद को खत लिखूंगी
अमनदीप ‘विम्मी’ II एक दिन मैं खुद को खत लिखूंगीज़माने भर के नकारासिद्ध करने के बावजूदजताऊंगी खुद पर...
पाश
उर्वशी भट्ट II आसक्ति के पाश की जकड़ इतनी घातक होती है, किदेह चूक जाती है सारा सामर्थ्यचेहरा ज़र्द...
नदियां बनाम बहनें
वीणा कुमारी ll जाड़े की ठिठुरन के बीचजैसे ही धूप आँगन में पांव पसारतीअम्मा जल्दी जल्दी काम...
सभ्यताएँ
कुलदीप सिंह भाटी II पहले जहाँनदियों के किनारे होती थी विकसितसभ्यताएँ हमारीवहीं अबनदियों को किनारे...
जलियांवाला बाग में बसंत
सुभद्रा कुमारी चौहान II यहां कोकिला नहीं, काग हैं, शोर मचाते,काले काले कीट, भ्रमर का भ्रम...
हस्तक्षेप
श्रीकांत वर्मा II कोई छींकता तक नहींइस डर सेकि मगध की शांतिभंग न हो जाय,मगध को बनाए रखना है,तो, मगध...
