गोलेन्द्र पटेल II जहाँ दिखता हैगोबर, गोहरा, गोइठा, गाज, …., धूल व धुआँऔरहर दुआर पर कुआँवह गाँव हैऔर...
कविता
जब मन ठहर जाता है हथेलियों के मध्य
प्रतिमा मौर्य ‘प्रीत’ II मेरी हथेली की पुकार को महसूस करतुम्हारी हथेली जब आ मिलीमेरी...
इंद्रिय बोध
सदानंद शाही II शब्दतुम्हारा नाम था वहजो गूंजता रहामेरे भीतर मैं आकाश हुआ। स्पर्शवह हवा की छुवन...
ये है अपना हिन्दुस्तान !
प्रो. विश्वम्भर शुक्ल II जैसे इक पिंजरे की मैना,चुप रहना, क्या बोले बैना,पहरे में अटकी है जान!ये है...
दीप क्या है?
रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’ II दीप क्या है , सिर्फ़ मिट्टी से बना हैयह उजालों की सही...
जब लौटे अयोध्या राम सजी रंगोली विजय की
नीता अनामिका II छल-कपट के चौसर परपासे गए सब सजचले वचनबद्ध रामराज पाट सब तज… वर्ष चौदह वनवास...
सन्नाटा…
संध्या यादव II 1) मैंने पूछा उससे-“सन्नाटा भी बोलता है क्या?”उसने अपने होंठ रख दियेमेरी...
मेरे दो फूल
डॉ परमजीत ओबेरॉय II दो फूलहैं मेरे दो फूल-जाऊं कैसे,इन्हें मैं भूल।चाहे जाएं –ये मुझे...
जो तटस्थ हैं, समय लिखेगा उनके भी अपराध
रामधारी सिंह दिनकर II समर शेष है ढीली करो धनुष की डोरी, तरकस का कस खोलो,किसने कहा, युद्ध की बेला...
‘प्रेम-विमर्श’
सांत्वना श्रीकांत II एक ने कहा- बहुत संवेदनशील हूँ मैं.. इकलौती थी अपने माँ बाबा की, दूसरी ने कहा ...
सुषमा गुप्ता की कविताएँ
सुषमा गुप्ता II 1-सौभाग्य पहली दफा जब अपना पाँवतुम्हारे पाँव की बगल में देखातब सबगंगा घाट...
स्वीकारोक्ति
शुभ्रा सिंह II हर मौन स्वीकारोक्ति नहीं होतीउनमें प्रस्फुटित होती हैविद्रोह के विध्वंस भीसुलगती...