अश्रुत तत्क्षण

तमिल लेखक मुरुगन बुकर पुरस्कार की दौड़ में

अश्रुतपूर्वा II

नई दिल्ली। क्या फिर किसी भारतीय लेखक को बुकर पुरस्कार मिलेगा? यह सवाल हर साहित्य प्रेमियों के जेहन में है। ऐसी खबरें आ रही है कि तमिल लेखक पेरुमल मुरुगन को वर्ष 2023 के लिए अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया है। स्वयं बुकर प्राइज फाउंडेशन ने यह जानकारी दी है।
 अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार के लिए नामांकित 13 उपन्यासों की एक सूची में तमिल लेखक पेरुमल मुरुगन की पुस्तक ‘पियरे’ को शामिल किया गया है। बता दें कि अनिरुद्धन वासुदेवन ने 2016 में इसका तमिल से अंग्रेजी में अनुवाद किया था। इस उपन्यास का कथानक एक अंतरजातीय जोड़े के प्रेम को सामने रखता है। मुरुगन पहले ऐसे तमिल लेखक हैं, जिन्हें इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया है।
पिछले साल हिंदी लेखिका गीतांजलि श्री के उपन्यास टूंब आॅफ सेंड (रेत समाधि) को बुकर पुरस्कार प्रदान किया गया था। वे बुकर पुरस्कार जीतने वालीं पहली भारतीय लेखिका हैं। इस बार के पुरस्कार के लिए बनी चयन समिति ने मुरुगन को शानदार रचनाकार तो बताया ही साथ ही जातिगत घृणा और हिंसा की गहरी जड़ों को दर्शाने वाला लेखक करार दिया है।
लेखक मुरुगन ने कहा, अभी कुछ समय पहले किसी ने मुझे यह खबर दी है। मैं बहुत खुश हूं और यह मेरे लेखन के लिए बहुत बड़ी स्वीकृति है…‘पियरे’ झूठी शान के लिए हत्या से संबंधित कहानी है। झूठी शान के लिए हत्या हमारे देश में बहुत बड़ी समस्या है। मुझे उम्मीद है कि इस उपन्यास के बाद और अधिक लोग इस मुद्दे के बारे में जान सकेंगे। (मीडिया में आए समाचार पर आधारित)

अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार के लिए नामांकित 13 उपन्यासों की एक सूची में तमिल लेखक पेरुमल मुरुगन की पुस्तक ‘पियरे’ को शामिल किया गया है। बता दें कि अनिरुद्धन वासुदेवन ने 2016 में इसका तमिल से अंग्रेजी में अनुवाद किया था। इस उपन्यास का कथानक एक अंतरजातीय जोड़े के प्रेम को सामने रखता है। 

About the author

Ashrut Purva

error: Content is protected !!