अश्रुत तत्क्षण

हम को मन की शक्ति देना, मन विजय करे…

अश्रुतपूर्वा II

नई दिल्ली। सुमधुर स्वर की बेताज मल्लिका वाणी जयराम नहीं रहीं। वे अपने पीछे एक ऐसा प्रार्थना गीत छोड़ गर्इं जिसे चार-पांच दशकों से सुनते हुए बच्चे बड़े हुए हैं। वाणी हिंदी गीत ‘हम को मन की शक्ति देना’, ‘बोले रे पपीहरा’ सहित 19 भाषाओं में दस हजार से अधिक गाने गा चुकीं हैं। शनिवार को उनका निधन हो गया। पिछले दिनों वाणी जयराम को पद्मभूषण से सम्मानित करने की घोषणा की गई थी। वे 77 साल की थीं। वे फ्लैट में अकेली रहती थीं।
पुलिस का कहना है कि गायिका के माथे पर चोट का निशान मिला है। जांच की जा रही है। संभव है कि वे गिर गई हों और घायल हो गई हों। वाणी जयराम के पति की पहले ही मौत हो गई थी। उनकी कोई संतान नहीं है। पचास से अधिक साल तक उन्होंने हिंदी फिल्म गुड्डी (1971) के बोले रे पपीहरा, हम को मन की शक्ति देना, तमिल फिल्म-अपूर्वा रागंगल (1975) के ‘येझु स्वरंगालुक्कुल’ और फिल्म ‘दीर्गा सुमंगली’ (1974) के ‘मल्लीगई एन मन्नान मयंगम’ जैसे कई यादगार गीत गाए। वाणी जयराम ने एमएस विश्वनाथन और इलैयाराजा सहित कई नामी संगीतकारों के साथ काम किया था। पूर्व मुख्यमंत्री और अभिनेत्री जे जयललिता के लिए भी उन्होंने गीत गाए थे।
वाणी का जन्म तमिलनाडु के वेल्लोर में हुआ। वे कई भाषाओं में गाने वाली बहुमुखी गायिका थीं। उन्होंने मलयालम, तमिल, तेलुगु,  कन्नड़ और हिंदी समेत 19 भाषाओं में दस हजार से अधिक गीत गाए। उनके निधन पर कई राजनीतिक हस्तियों और संगीतकारों ने भी गायिका को याद किया। प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, प्रतिभाशाली वाणी जयराम जी को मधुर आवाज और विन्न भाषाओं में अलग-अलग भावनाओं को दर्शाते हुए समृद्ध कार्यों के लिए याद किया जाएगा। उनका जाना रचनात्मक जगत के लिए एक बड़ी क्षति है। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना। ओम शांति।
बीते दिनों पुलिस ने वाणी जयराम के घर का दरवाजा तोड़ा और उन्हें मृत पाया। उनकी घरेलू सहायिका रोज की तरह काम पर आई थी। बार-बार कॉलबेल दबाने पर भी कोई जवाब नहीं मिला। उन्होंने तुरंत गायिका के रिश्तेदारों को सूचित किया। उन्होंने ही पुलिस को सूचना दी। घर में सहायिका के रूप में दस साल से काम करने वालीं मलारकोड़ी ने कहा कि उन्हें स्वास्थ्य संबंधी कोई परेशानी नहीं थी। वे पद्मभूषण सम्मान के लिए बधाई देने के लिए आने वाले मेहमानों की अगवानी में व्यस्त थीं। काफी फोन भी आ रहे थे। उन्होंने सभी कॉल का जवाब दिया दिया, जिन्होंने उनको बधाई दी।

गायिका वाणी जयराम का निधन
वाणी का जन्म तमिलनाडु के वेल्लोर में हुआ। वे कई भाषाओं में गाने वाली बहुमुखी गायिका थीं। उन्होंने मलयालम, तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और हिंदी समेत 19 भाषाओं में दस हजार से अधिक गीत गाए। उनका गाया ‘हम को मन की शक्ति देना’ शक्ति गीत आज भी विद्यालयों में प्रार्थना गीत है। 

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