अश्रुतपूर्वा II
नई दिल्ली। सर्दी से देश का ज्यादातर हिस्सा ठिठुर रहा है। कश्मीर की घाटियां हों या शिमला की वादियां या फिर दिल्ली हो या कि चंडीगढ़। सभी जगह कड़ाके की सर्दी पड़ रही है। दक्षिण में भी पारा गिरा है। केरल के मुन्नार में तो तापमान काफी नीचे चला गया है। इस रमणीक पर्वतीय शहर में हर जगह कोहरे की चादर बिछ गई है। सर्दी का भी अपना आनंद है। इस मौसम का अनुभव करने के लिए लोग इस लोकप्रिय पर्यटन स्थल का रुख कर रहे हैं। मुन्नार अपने विशाल चाय बागानों, घाटियों और सुंदर पहाड़ों तथा वनस्पतियों और वन्यजीवों के लिए जाना जाता है।
यहां मिल रही खबरों के मुताबिक जनवरी की शुरुआत से हिल स्टेशन और इसके आसपास के कई हिस्सों में तापमान निरंतर नीचे रहा है। चेंडुवारा एस्टेट और लेचमी एस्टेट जैसे क्षेत्रों में तापमान शून्य से एक डिग्री नीचे तक चला गया है। एक तरफ पारा नीचे जा रहा है, तो दूसरी तरफ कोहरे की मोटी चादर चाय के बागानों और मुन्नार के घास के मैदानों पर बिछ जा रही है।
आपको बता दें कि मुन्नार को दक्षिण का कश्मीर भी कहा जाता है। धुंध से ढकी घाटियों, पाले से ढके घास के मैदानों और पौधों पर बर्फ के टुकड़ों की छवियां युवा पर्यटकों और प्रेमी युगलों का मन मोह लेती हैं। इन दिनों यहां छुट्टियां मनाने के लिए आने वाले पर्यटकों की संख्या बढ़ जाती है। मुन्नार में पारा तो गिर रहा है, लेकिन इस बात की पुष्टि नहीं है कि पारा शून्य से नीचे चला गया है। अलबत्ता सोशल मीडिया पर मुन्नार में बर्फबारी की कई तस्वीरें दिख रही हैं। यहां जब पारा गिरता है तो कोहरा छाता है और यह ऊंचाई वाले इलाके में सामान्य बात है।
मुन्नार और आसपास के कई होटल पर्यटकों से भर गए हैं। होटलों की कमाई बढ़ गई है। उन्हें इन दिनों अधिक बुकिंग मिल रही है। लोग बता रहे हैं कि सिर्फ मुन्नार ही नहीं, बल्कि देविकुलम में भी अधिक सर्दी पड़ रही है। वैसे बरसों पहले मुन्नार में सर्दी सितंबर तक शुरू हो जाती थी और दिसंबर-जनवरी तक खत्म भी हो जाती थी। लेकिन अब ऐसा नहीं है। इसका कारण जलवायु संकट है। इससे सर्दियों के महीने बदल रहे हैं। अब बारिश भी होती है तो जरूरत से ज्यादा होती है। (मीडिया में आ रही खबरों के आधार पर पुनर्प्रस्तुति)