अश्रुतपूर्वा II
नई दिल्ली। दिवाली का मौका हो और लोक रंग न बिखरे, यह भला कैसे संभव है। गुलाबी नगरी में जब लोक कलाकारों का जुटान होता है तो एक इंद्रधनुष ही बन जाता है। पिछले दिनों जयपुर के जवाहर कला केंद्र में 22 राज्यों के लोक कलाकार पहुंचे। उनकी रंगारंग प्रस्तुति देख कर दर्शक मंत्रमुग्ध हो उठे। लोक कलाकारों का 11 दिवसीय कार्यक्रम लोक रंग महोत्सव संपन्न हुआ तो अपने पीछे एक सुनहरी यादें भी छोड़ गया।
लोक रंग महोत्सव के समापन समारोह में इस बार कला एवं संस्कृति मंत्री बीडी कल्ला मुख्य अतिथि थे। इस महोत्सव में उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, गुजरात, जम्मू कश्मीर, नगालैंड, झारखंड और गोवा सहित कई राज्यों के कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति दी। इन सभी ने मिल कर भारत मिलन नामक एक ग्रैंड फिनाले सिम्फनी भी पेश की।
- इस महोत्सव में उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, गुजरात, जम्मू कश्मीर, नगालैंड, झारखंड और गोवा सहित कई राज्यों के कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति दी। इन सभी ने मिल कर भारत मिलन नामक एक ग्रैंड फिनाले सिम्फनी भी पेश की।
इस कार्यक्रम की शुरुआत मांगगनियार गायन से हुई। सुप्रसिद्ध गायक गाजी खान और उनकी टीम ने राजस्थानी प्रस्तुति दी। इस अवसर पर नगालैंड का हॉर्नबिल नृत्य, राजस्थान का घूमर, झारखंड का छऊ नृत्य, गुजरात का सिद्दी गोमा, पंजाब का भंगड़ा भी प्रस्तुत किया गया। इस समारोह में प्रमुख सचिव (कला एवं संस्कृति) गायत्री राठौड़, भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के अतिरिक्त महानिदेशक दिनेश एमएन व अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।
जयपुर के जवाहर कला केंद्र की अतिरिक्त महानिदेशक प्रियंका जोधावत के मुताबिक दस अक्तूबर से शुरू हुए लोक रंग महोत्सव में 22 राज्यों के करीब 1500 कलाकारों ने हिस्सा लिया। बता दें कि जयपुर में जवाहर कला केंद्र सांस्कृतिक गतिविधियों का बड़ा केंद्र है। (मीडिया में आई खबरों पर आधारित)