अश्रुतपूर्वा II
नई दिल्ली। हिंदी के समर्थकों के लिए यह बड़ी खबर है। अब भारतीय युवा अपनी भाषा में चिकित्सा की शिक्षा से सकेंगे। यह शुरुआत हो रही है मध्य प्रदेश से। कहा जा रहा है कि आने वाले दिनों में राज्य में चिकित्सा शिक्षा के अलावा इंजीनियरिंग, नर्सिंग और पैरामेडिकल पाठ्यक्रम भी हिंदी में पढ़ाए जाएंगे। खबरों के मुताबिक केंद्रीय गृह मंत्री 16 अक्तूबर को हिंदी में चिकित्सा शिक्षा देने की मध्य प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना शुरू करेंगे।
केंद्रीय गृह मंत्री मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में एक कार्यक्रम के दौरान चिकित्सा शिक्षा की हिंदी में पाठ्य पुस्तक का अनावरण करेंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बीते दिनों इस कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा करते हुए कहा कि यह अपनी मातृभाषा के गौरव को स्थापित करने का यह कार्यक्रम है और लोगों की मानसिकता बदलने की ऐतिहासिक घटना है। उन्होंने कहा कि यह साबित करने के लिए यह एक उदाहरण होगा कि विशेष विषयों को हिंदी में पढ़ाया जा सकता है न कि केवल अंग्रेजी में। आने वाले दिनों में राज्य में चिकित्सा शिक्षा के अलावा इंजीनियरिंग, नर्सिंग और पैरामेडिकल पाठ्यक्रम भी हिंदी में पढ़ाए जाएंगे।
पाठ्यक्रम के बारे में बताया गया है कि फिजियोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री और एनाटॉमी जैसे विषयों के लिए किताबों का पहला खंड तैयार है और एमबीबीएस के पहले वर्ष में पढ़ने वाले छात्रों को ये किताबें दी जाएंगी। तीन विषयों की पाठ्य पुस्तकें विशेषज्ञों के एक दल ने तैयार की है। इन पुस्तकों का दूसरा खंड तैयार किया जा रहा है। किताबें इस तरह तैयार की गई हैं तकनीकी शब्द रक्तचाप, रीढ़, हृदय, किडनी, लीवर या शरीर के अन्य महत्वपूर्ण अंगों और संबंधित शब्द हिंदी में लिखे गए हैं।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने बताया है कि पाठ्यपुस्तकें इस तरह से तैयार की गई हैं कि हिंदी में एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाले पाठ्यक्रम पूरा करने के बाद पीछे न रहें, क्योंकि वे अंग्रेजी के साथ-साथ हिंदी में भी सभी तकनीक और चिकित्सा शब्द सीख रहे होंगे। प्रथम वर्ष में केवल तीन विषय (शरीर विज्ञान, शरीर रचना विज्ञान और जैव रसायन) मुख्य रूप से छात्रों को पढ़ाए जाते हैं। (मीडिया में आई खबर की पुनर्प्रस्तुति)