अश्रुत पूर्वा
नई दिल्ली, चार दिसंबर। अंतरजाल पर साहित्य जगत के बीच नवागंतुक अश्रुत पूर्वा डॉट काम अपनी जल्द पहचान बनाने में सफल हो गया है। पांच महीने की अथक और निरंतर मेहनत का परिणाम यह है कि इस साहित्यिक पटल पर 25 हजार से ज्यादा पाठक आए। हमें सैकड़ों प्रतिक्रिया मिली। अनेक सुझाव भी पाठकों ने दिए।
अश्रुत पूर्वा की छोटी सी सृजन टीम अपने सीमित संसाधन के बावजूद देश भर के हजारों पाठकों तक पहुंचने में कामयाब रही। सुखद यह कि यहां नियमित पाठकों की संख्या भी निरंतर बढ़ रही है। यह संख्या जल्द ही दस हजार पार कर जाएगी। यह कम समय में बड़ी उपलब्धि है। इस समय अश्रुत पूर्वा सोशल मीडिया पर है। ट्वीटर पर है। साथ ही अपने आलाइन साहित्यिक आयोजनों से यह यूट्यूब पर भी उपलब्ध है।
अश्रुत पूर्वा ने साहित्य की सभी विधाओं को प्रस्तुत किया है। जैसा की अन्य साइट करते हैं। मगर इस पर लीक से हट कर भी काम हुआ। जीवन कौशल तथा अभिप्रेरक जैसे कॉलम से पाठकों को एक नई राह दिखाने की कोशिश की गई। अश्रुत पूर्वा ने सीमित दायरे में ही सही, लेकिन तकनीकी पक्ष का ध्यान रखा। रचनाओं को अनूठे अंदाज में प्रस्तुत किया। कुछ प्रयोग अभिनव थे, जो ज्यादातर साहित्यिक वेबसाइट नहीं करते।
अश्रुत पूर्वा ने समय और सरोकार का भी ख्याल रखा। इसके लिए अश्रुत तत्क्षण जैसा अहम कॉलम बनाया और साहित्य तथा प्रकाशन जगत के समाचार तत्काल दिए। ऐसी खबरों को प्रमुखता से जगह दी गई। साहित्य समाचार के लिए एक न्यूज टिकर भी बनाया गया, जिस पर हर समय नई खबरें चलती रहती हैं। पाठक देश-विदेश की साहित्यिक गतिविधियों की खबरें यहां देख सकते हैं।
- अश्रुत पूर्वा ने साहित्य की सभी विधाओं को प्रस्तुत किया है। जैसा की अन्य साइट करते हैं। मगर इस पर लीक से हट कर भी काम हुआ। जीवन कौशल तथा अभिप्रेरक जैसे कॉलम से पाठकों को एक नई राह दिखाने की कोशिश की गई। अश्रुत पूर्वा ने सीमित दायरे में ही सही, लेकिन तकनीकी पक्ष का ध्यान रखा। रचनाओं को अनूठे अंदाज में प्रस्तुत किया। कुछ प्रयोग अभिनव थे, जो ज्यादातर साहित्यिक वेबसाइट नहीं करते।

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