धरोहर

खूबसूरत पहाड़ों से घिरा है नगालैंड

अश्रुतपूर्वा II

नई दिल्ली। पिछले दोनों विधानसभा चुनाव और उसमें आए नतीजों के कारण पूर्वोत्तर के राज्य चर्चा में रहे। नगालैंड भी इनमें से एक था। मगर हम लोग अपने देश के इस इस छोटे से राज्य के बारे में कितना जानते हैं। क्या है इसकी संस्कृति और परंपरा। आइए जानते हैं। उत्तरी-पूर्वी भारत में देश का सबसे छोटा राज्य है नगालैंड। यह एक ग्रामीण राज्य है। पश्चिम में असम, पूर्व में बर्मा, उत्तर से अरुणाचल प्रदेश। और दक्षिण में मणिपुर से घिरा यह राज्य सात जिलों में विभाजित है। जैसे कोहिमा, मोकोकचुंग, वोखा, जुनहेल्टो, वेनसांग, फेक और  मोन। दिमापुर नगालैंड में प्रवेश का मुख्य मार्ग है। नगालैंड खूबसूरत पहाड़ों से घिरा राज्य है। यहां के पहाड़ लोगों का मन मोह लेते है। हरे-भरे स्थान, सांस्कृतिक उत्सव और जनजाति आपकी छुट्टियों यानी हॉलीडे को अविस्मरणीय बना देते हैं। विदेशी पर्यटकों को यहां आने के लिए क्षेत्रीय परमिट की जरूरत होती है।
नगालैंड के इतिहास की बात करें तो शायद कुछ लोग ही इसके बारे में जानते हों। नगालैंड पर 1890 तक ब्रिटिश हुकूमत रही। एक दिसंबर 1963 में इसे भारत का सोलहवां राज्य बना। यहां के पहाड़ नगालैंड के जिलों की शोभा बढ़ाते हैं। चाय के बगान पर्यटकों का मन मोह लेते हैं। यहां हरी-भरी घाटियां हैं। टेढ़े-मेढ़े रास्तों के किनारे कल-कल करती बहतीं नदियां और उंचे पहाड़ के साथ घाटियों में बने रास्ते अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करते हैं। पेड़-पौधों और जीव-जंतुओं की कई प्रजातियां यहां पाई जाती हैं। सारामती नगालैंड की सबसे उंची चोटी है। नगालैंड में एक भी झरना नहीं है। यहां सिर्फ लिचम झील है जो पूर्व में है। यहां के पहाड़ जंगलों से भरे हैं।
नगालैंड की राजधानी कोहिमा में ऐसी कई जगह है जहां इतिहास को जानने का मौका मिलता है। इस राज्य की संस्कृति और त्योहार आकर्षण के केंद्र रहे हैं। यहां का मुख्य हस्तशिल्प हैं लकड़ी की नक्काशी। यहां के जंगल बांस के पेड़ से भरे पड़े हैं। यही वजह है कि यहां लकड़ी और बांस का काम ज्यादा किया जाता है। आप यहां बांस की टोकरी, चटाई, कप, नेकलेस, बाजूबंद आदि की खरीदारी कर सकते हैं। यह बेहद खूबसूरत और आकर्षक होती है।
नगलैंड जाएं तो यहां के लोकनृत्य देखना न भूलें। यहां महिलाओं और पुरुषों द्वारा किया जाने वाला नृत्य हर किसी का मन मोह लेता है।  यहां के लोग नृत्य के प्रति काफी उत्साहित रहते हैं। हर नृत्य के लिए अलग धुन और अलग नाम होते हैं।  नगालैंड में पहाड़, जंगल और नदियों के अलावा इतांकी वाइल्ड लाइफ सैंक्चयुरी यहां का मुख्य आकर्षण है। यहां विलुप्त होती कई प्रजातियां मिलती हैं। दिमापुर से 37 किलोमीटर दूर इस अभयारण्य में बाघ, सांभर, वाइल्ड डाक और स्लाथ बियर देखा जा सकता है। कुछ दुर्लभ पक्षी भी आप यहां देख सकते हैं।  इसके अलावा घोसू पक्षी अभयारण्य दर्शनीय है। यहां पक्षियों की विलुप्त होती प्रजातियां देखी जा सकती है। फकीम वाइल्ड लाइफ सैंक्चयुरी म्यांमा सीमा पर है। यहां बारिश खूब होती है। नगालैंड सितंबर से अप्रैल तक जाया जा सकता है।  

नगालैंड में चाय के बगान पर्यटकों का मन मोह लेते हैं। यहां हरी-भरी घाटियां हैं। टेढ़े-मेढ़े रास्तों के किनारे कल-कल करती बहतीं नदियां और उंचे पहाड़ के साथ घाटियों में बने रास्ते अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करते हैं। पेड़-पौधों और जीव-जंतुओं की कई प्रजातियां यहां पाई जाती हैं। सारामती नगालैंड की सबसे ऊंची चोटी है। 

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