अश्रुतपूर्वा II
नई दिल्ली। पुंग (ढोल) लगभग सभी पारंपरिक मणिपुरी कलाओं का हृदय है। खास तौर से ‘नट संकीर्तन’ का, लेकिन कई गुरुओं और संगीत वाद्य यंत्र बनाने वालों को अवसर नहीं मिलता। उन्हें कोई सहायता नहीं मिलती। यही कारण है कि इसे ज्यादा मान्यता नहीं मिली है। यह कहना है पारंपरिक ढोल ‘पुंग’ बनाने के लिए पिछले दिनों उस्ताद बिस्मिल्ला खां युवा पुरस्कार 2019 के लिए चुने गए मणिपुर के पहले दस्तकार शैखोम सुरचंद्र सिंह का। उन्होंने इस बात पर अफसोस जतायाा कि ढोल बनाने की यह कला अधिकारियों की उपेक्षा की शिकार हो गई है।
दस्तकार शैखोम सुरचंद्र सिंह को यह पुरस्कार पुंग यानी पारंपरिक मणिपुरी ढोल बनाने में उत्कृष्ट योगदान के लिए संगीत नाटक अकादमी द्वारा प्रदान किया जाएगा। सिंह ने कहा कि अगर वाद्य यंत्र बनाने वालों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो आने वाले समय में इस कला की लोकप्रियता कम हो जाएगी।
पारंपरिक ढोल यानी पुंग बनाने के लिए उस्ताद बिस्मिल्ला खां युवा पुरस्कार 2019 के लिए चुने गए दस्तकार शैखोम सुरचंद्र सिंह ने इस कला के संरक्षण की अपील की है। उन्होंने कहा कि हम इस कला को संरक्षित करना चाहते हैं क्योंकि यह हमारी सांस्कृतिक विरासत है।
उन्होंने कहा, किसी ढोल बनाने वाले के लिए यह पुरस्कार और दूसरी कोई मान्यता प्राप्त करना बहुत बड़ी बात है क्योंकि इस क्षेत्र के कई लोगों को आमतौर पर अतीत में दरकिनार कर दिया गया। मगर राज्य सरकार के कला और संस्कृति विभाग ने लगभग सभी पारंपरिक मणिपुरी कला रूपों में ढोल के महत्व को स्वीकार कर इसे एक अपवाद बना दिया है।
पिछले दिनों सिंह ने कहा कि उन्होंने अपने बचपन के दिनों से ही पुंग बनाने की कला पर काम करना शुरू कर दिया था, क्योंकि दादा और बड़े भाई अपने पूर्वजों से विरासत में मिली जानकारी के कारण इस काम से जुड़े थे। यह कला उन्हें भी परंपरा से मिली।
ढोल निर्माता शैखोम सुरचंद्र सिंह का कहना है कि ताल संबंधी वाद्य यंत्र बनाने से जुड़ी दस्तकारी को अन्य प्रदर्शन कलाओं की तुलना में कम मान्यता मिली है, हालांकि यह नृत्य और संगीत को आवश्यक ध्वनि, लय और ताल देती है। उन्होंने कहा कि हम इस कला को संरक्षित करना चाहते हैं क्योंकि यह हमारी सांस्कृतिक विरासत है।
सिंह ने कहा कि ढोल की दुकानें खोलने से, सरकार से मान्यता व सहायता मिलने से और सामग्री की खरीद के लिए ऋण का प्रावधान करने से इस कला को संरक्षित करने में मदद मिलेगी। (मीडिया में आई खबर की पुनर्प्रस्तुति)