अश्रुत तत्क्षण

अश्रुतपूर्वा के कदम एक नए पड़ाव की ओर

अश्रुतपूर्वा टीम II

नई दिल्ली। एक साल पहले किसने सोचा था कि अश्रुतपूर्वा हिंदी साहित्य जगत में अपनी विशिष्ट पहचान बना लेगी। समय, सरोकार और साहित्य को साथ लेकर चलते हुए अश्रुत पूर्वा डॉट काम ने शून्य से शुरुआत की थी और आज हम आपनी पाठक संख्या पचास हजार से अधिक पार कर चुके हैं। तमाम बाधाओं और चुनौतियों के बीच नई राहें निकलीं। हमारी छोटी सी टीम न केवल अश्रुतपूर्वा की नींव को मजबूत करती रही बल्कि इसे साहित्य समाचार और सरोकार से भी पाठकों से जोड़ती रही। हम अगले साल एक लाख पाठक संख्या वाली वेबसाइट बनने जा रहे हैं।
आज अश्रुतपूर्वा अपनी प्रस्तुति में न केवल अभिनव प्रयोग कर रही है बल्कि साहित्य को मनोरंजन से आगे निकाल कर इसे जीवन कौशल और अभिव्यंजना के नए आयाम से भी जोड़ने निकल पड़ी है। हम तकनीक से लेकर नई प्रस्तुति पर जोड़ दे रहे हैं। अपनी रचनाधर्मिता के साथ हम परिपक्व पाठकों को तो साथ लेकर चल ही रहे हैं वहीं बुजुर्ग साहित्यकारों का मार्गदर्शन और आशीष भी पा रहे हैं। पिछले दिनों काशी में काव्याटन के दौरान अश्रुतपूर्वा का अनुभव सुखद रहा।
वाराणसी में पिछले दिनों आवर्तन-एक की बड़ी सफलता के बाद अश्रुतपूर्वा का अगला कदम मध्य प्रदेश के रीवा की ओर है। आवर्तन- दो शृंखला के अंतर्गत 26 अक्तूबर बुधवार को दोपहर दो बजे काव्याटन होना है। इस ‘काव्याटन’ यानी काव्य गोष्ठी की अध्यक्षता वरिष्ठ लेखक डॉ. चंद्रिका प्रसाद ‘चंद’ करेंगे। मुख्य अतिथि होंगे सी एम राइज स्कूल रीवा के प्राचार्य श्री वरुणेंद्र सिंह। गोष्ठी का संचाालन वरिष्ठ साहित्यकार श्री रामनरेश तिवारी निष्ठुर करेंगे।
जिन कवियों को गोष्ठी में आमंत्रित किया गया है, उनमें प्रमुख हैं- श्री सूर्यमणि शुक्ल, श्री भृगुनाथ पांडेय भ्र्रमर, डॉ. राजकुमार शर्मा, गीता शुक्ल, इंदिरा अग्निहोत्री, डॉ. आरती तिवारी, प्रीति शर्मा, शिवानंद तिवारी, डॉ. अरुणा पाठक, रंजना बंसल, उमेश लखन, सीमा रानी झा, रागिनी सिंह और क्रांति पांडे। स्वागत वक्तव्य कवयित्री सांत्वना श्रीकांत देंगी। कार्यक्रम का आयोजन रीवा जिले के सी एम राइज स्कूल के प्रवीण कुमारी सभाकक्ष में रखा गया है।

 

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