अश्रुत तत्क्षण

असमी साहित्यकार अतुलानंद गोस्वामी नहीं रहे

अश्रुत पूर्वा II

नई दिल्ली। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित साहित्यकार अतुलानंद गोस्वामी का गुवाहाटी के एक अस्पताल में निधन हो गया। वे 87 साल के थे। गोस्वामी अपनेउपन्यासों और लघु कथाओं के लिए मशहूर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने असमी साहित्यकार के निधन पर दुख जताया है। गोस्वामी करीब दस दिन सेगुवाहाटी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (जीएमसीएच) की गहन चिकित्सा इकाई में भर्ती थे। गोस्वामी की बेटी ने कहा, हम उन्हें जीएमसीएच ले गए थे। उन्हें बुखार था। उन्हें तुरंत आईसीयू में भर्ती किया गया।

गोस्वामी कई बरसों से डिमेंशिया (भूूलने की बीमारी) से पीड़ित थे। बाद में उन्हें सेप्सिस भी हो गया। उनका अंतिम संस्कार उनके बेटे ने गुवाहाटी के नवगृह श्मशान घाट में किया। गोस्वामी के परिवार में उनके बच्चे और पोते-पोतियां हैं। उनकी पत्नी का पहले ही निधन हो गया था।

नब्बे के दशक की शुरुआत में लिखा उनका उपन्यास नामघोरिया काफी चर्चित हुआ था। गोस्वामी को उनके लघु कहानी संग्रह ‘सेनेह जरीर गांथी’ के लिए 2006 में साहित्य अकादेमी पुरस्कार मिला था। उन्हें अंबिकागिरि रॉय चौधरी साहित्य पुरस्कार, कुमार किशोर स्मृति पुरस्कार, कथा पुरस्कार और स्नेह भारती साहित्य सम्मान सहित कई पुरस्कार मिले।

गोस्वामी के निधन पर शोक प्रकट करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, प्रसिद्ध लेखक श्री अतुलानंद गोस्वामी जी के निधन से दुखी हूं। उनकी कृतियों को बहुत प्रशंसा मिली और उनकी विविधता और संवेदनशीलता के लिए प्रशंसा की गई। उन्होंने अंग्रेजी में असमिया साहित्य को लोकप्रिय बनाने के लिए बहुत प्रयास किए। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना। ओम शांति।

गोस्वामी के निधन पर शोक जताते हुए असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने ट्वीट किया, साहित्यकार अतुलानंद गोस्वामी के निधन की खबर ने मुझे बहुत दुखी किया है। (मीडिया की खबरों पर आधारित)

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